7th Pay Commission: कर्मचारियों के अरमानों पर पानी फिरा, सिर्फ 2% DA बढ़ोतरी

7वां वेतन आयोग और महंगाई भत्ते में वृद्धि: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी चिंता

हाल ही में एक खबर ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच हलचल मचा दी है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को इस बार बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के अनुसार, इस बार महंगाई भत्ते में सबसे कम इजाफा होने की संभावना है, जो पिछले सात सालों में सबसे निचले स्तर पर होगा। यह खबर ऐसे समय में आई है जब कर्मचारी और पेंशनर्स होली से पहले एक अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।

7वें वेतन आयोग और महंगाई भत्ते में वृद्धि

7वां वेतन आयोग 2016 से लागू है और इसके तहत समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (Dearness Relief) में संशोधन किया जाता है। यह बढ़ोतरी आमतौर पर साल में दो बार की जाती है, एक जनवरी में और दूसरी जुलाई में। इसके ऐलान मार्च और सितंबर-अक्टूबर में होते हैं। पिछले कुछ सालों में सरकार ने हर बार महंगाई भत्ते में कम से कम 3% से 4% की बढ़ोतरी की थी, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं।

इस बार DA में सिर्फ 2% की बढ़ोतरी!

समाचारों के मुताबिक, इस बार महंगाई भत्ते में सिर्फ 2% की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे यह वर्तमान 53% से बढ़कर 55% तक पहुंच जाएगा। यह संभावना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के डेटा पर आधारित है, जो महंगाई की दर को मापता है। अगर यह बढ़ोतरी होती है, तो कर्मचारियों को इस साल के मुकाबले बेहद कम लाभ मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹18,000 है, तो उसे 53% के हिसाब से ₹9,540 का DA मिलता है। 2% की बढ़ोतरी के बाद यह राशि बढ़कर ₹9,900 हो जाएगी, यानी केवल ₹360 का इजाफा होगा। यह राशि पिछले सालों की तुलना में काफी कम है, और यही वजह है कि इसे “सबसे कम इजाफा” कहा जा रहा है। कर्मचारी इस बढ़ोतरी को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं।

कर्मचारियों की नाराजगी और चिंताएँ

यह खबर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निराशाजनक साबित हो रही है। पिछले साल जुलाई 2024 में DA को 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था, लेकिन अब सिर्फ 2% की बढ़ोतरी की बात सुनकर कर्मचारी हैरान हैं। उनका कहना है कि मौजूदा महंगाई दर और जीवनयापन के बढ़ते खर्च को देखते हुए इस बढ़ोतरी से उनकी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होगा। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें।

आर्थिक स्थिति और महंगाई दर में कमी

इस संभावित फैसले के पीछे कई कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई की दर में हालिया कमी और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया हो सकता है। हालांकि, यह भी सच है कि सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा की है, जो जनवरी 2026 से लागू होगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि 7वें वेतन आयोग के तहत अब केवल एक या दो बार ही DA में बढ़ोतरी की जाएगी। फिर भी, कर्मचारियों का मानना है कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए यह बढ़ोतरी नाकाफी है।

कर्मचारी और पेंशनभोगियों पर असर

यह खबर करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को प्रभावित कर सकती है। सरकार का यह फैसला आने वाले दिनों में यूनियन कैबिनेट की बैठक में अंतिम रूप ले सकता है। अगर यह बढ़ोतरी लागू होती है, तो यह जनवरी 2025 से प्रभावी होगी, और कर्मचारियों को मार्च में मिलने वाले वेतन में इसका लाभ दिखेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या इतनी कम बढ़ोतरी वाकई में उनकी जरूरतों को पूरा कर पाएगी? कई विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए, ताकि कर्मचारियों का भरोसा बना रहे।

8वें वेतन आयोग का वादा

हालांकि, कर्मचारियों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है, लेकिन आने वाले समय में 8वें वेतन आयोग का वादा भी राहत की उम्मीद पैदा कर रहा है। 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होगा, और इसमें कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, यह तय करना अभी बाकी है कि इस आयोग के तहत कर्मचारियों को कितनी राहत मिलेगी। इसके बावजूद, वर्तमान स्थिति में 7वें वेतन आयोग के तहत इस कम DA बढ़ोतरी को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, 7वें वेतन आयोग के तहत DA में इस बार की बढ़ोतरी न केवल कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है, बल्कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत भी महसूस हो सकती है। जहां एक तरफ 8वां वेतन आयोग भविष्य में बड़ी राहत का वादा कर रहा है, वहीं अभी की यह खबर कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है। कर्मचारियों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है, खासकर तब जब त्योहारों का मौसम नजदीक है और वे अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।

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